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Hori

Saturday 24 March 2018

I Love You

शादीशुदा औरतों के एक सेमिनार में, 
औरतों से एक सवाल पूछा गया ।
" आपने लास्ट टाइम अपने पतियों को 'I love you' कब बोला था ? "
.
किसी ने कहा :
"आज ही बोला है"
.
किसी ने कहा :
"दो दिन पहले बोला है"
.
किसी ने कहा :
"दस दिन पहले बोला है "
.

फिर सब औरतों से कहा गया की सब अपने अपने मोबाईल से, 
अपने अपने पतियों को 
" I Love You " 
लिखा हुआ मैसेज करेंगी, 
और जिसका सबसे अच्छा रिप्लाई आएगा उसको सरप्राइज गिफ्ट मिलेगा !
.
सब औरतों ने मैसेज कर दिया !!!
.
कुछ देर बाद उनके पतियों के रिप्लाई आना शुरू हो गये,
जो कुछ इस तरहसे थे :.

1) 
तुम्हारी तबियत तो, ठीक है ना ?
.
2) 
घर खर्चा खत्म हो गया क्या ?.
.
3) 
कही तुम मायके तो नहीं जा रही हो ?
.
4) 
लगता है आज घर पर खाना नहीं बनेगा ?.
.
5) 
क्या मतलब ?.
.
6) 
तुम सपने में हो या मैं सपना देख रहा हूँ ?.
.
7) 
किट्टी पार्टी में किसी की ज्वेलरी पसंद आ गयी क्या ?.
.
8) 
ऑफिस में इतना टेंशन है, और तुम्हे रोमांस सूझ रहा है ?.
.
9) 
कितनी बार कहा है ; 
सीरियल मत देखा कर !.
.
10) 
आज फिर से गाड़ी ठोक दी क्या ?
.



फाइनली जिसको सरप्राइज गिफ्ट मिला, उसका रिप्लाई बड़ा खतरनाक था ...


.
11) " I  Love u 2 but Who  R  U ?" 🤔

😱😂😂😂😂😂😁
.
.







🌿 ताबडतोब Share कर के दुसरो को हंसाने का पुण्य अवश्य कमा लो...।

http://golgpppa.blogspot.com/2018/03/i-love-you.html

Friday 23 March 2018

Must Read and Comment जरूर पड़े और कमेंट भी करें

जरूर पड़े और कमेंट भी करें

एक गरीब एक दिन एक सिक्ख के पास अपनी जमीन बेचने गया बोला सरदारजी मेरी 2 एकड़ जमीन आप रख लो ,
 सिक्ख बोला ,क्या कीमत है , 
गरीब बोला, --50 हजार रुपये ,

सिक्ख थोड़ी देर सोच के ,वो ही खेत जिसमे ट्यूबल लगा है 
गरीब ,--- जी  आप मुझे 50, से कम भी दे दे
सिक्ख ने आंखे बंद की 5 मिनिट सोच के 
नही मैं , उसकी कीमत 2 लाख रुपये दूँगा , 
गरीब पर मैं 50 हजार ले रहा हूँ आप 2 लाख क्यो?????
See
http://golgpppa.blogspot.in/2018/03/must-read-and-comment.html

सिक्ख बोला तुम जमीन क्यो बेच रहे हो ,

गरीब बोला ,बेटी की शादी करना है बच्चो की पढ़ाई की फीस जमा करना है बहुत कर्ज है मजबूरी है इसीलिए मजबूरी में बेचना है पर आप 2 लाख क्यो दे रहे

सिक्ख बोला , मुझे जमीन खरीदना है ,,किसी की मजबूरी नही खरीदना ,अगर आप की जमीन की कीमत मुझे मालूम है तो मुझे आपके कर्ज आपकीं जवाबदेही और मजबूरी का फायदा नही उठाना मेरा वाहेगुरू कभी खुश नही होगा ऐसी जमीन या कोई भी साधन जो किसी की मज़बूरिओ को देख के खरीदे हो वो घर और जिंदगी में सुख नही देते आने वाली पीढ़ी मिट जाती है , 
है मेरे मित्र तुम खुशी खुशी अपनी बेटी की तैयारी करो 50 हजार की हम पूरा गांव व्यवस्था कर लेगा तेरी जमीन भी तेरी रहेगी  
मेरे गुरु नानक देव साहिब ने भी अपनी बानी में येही हुक्म दिया है  , गरीब हाथ जोड़ कर आखों में नीर भरी खुशी खुशी दुआय देता चला गया
क्या ऐसा जीवन हम किसी का बना सकते है
बस किसी की मजबूरी न खरीदे
किसी के दर्द मजबूरी को समझ कर सहयोग करना ही सच्चा तीर्थ है एक यज्ञ है सच्चा कर्म और बन्दगी है हम सबके संत भी येही कहते है
वाहेगुरू जी












Must Read and Comment

One poor one day went to sell his land near a Sikh Sardarji, keep my 2 acres of land,
 Say what is the price,
Poor said, - 50 thousand rupees,

The Sikh thinks for a while, that farm which has tubal
Poor, --- ji give me less than 50, too
Sikh thinks five minutes of shutting eyes
No, I will give him a price of 2 lakhs,
I'm taking 50 thousand poor but why are you 2 lakh?

Learn why you are selling land,

Poor talk, daughter is married, depositing fees for children is a lot of debt, compulsion is therefore sell in compulsion but why are you giving 2 lakhs

Say, Sikh, I have to buy land, not buy any compulsion, if I know the value of your land, then I will not take advantage of your debt due to your accountability and compulsion. My traveler will never be happy, such land or any other means The majiburio is bought by looking at that does not give happiness in the home and life, the next generation disappears,
My friend, you are happy, prepare your daughter for 50 thousand of us, we will complete the village arrangement, your land will be yours
My Guru Nanak Dev Sahib has also given this command in his Bani, adding a poor hand and leaving the eyes full of joy and happiness.
Can we make such a life of someone
Just do not buy anybody's compulsion
Understanding someone's pain and compulsion is the true pilgrimage. It is a sacrifice, true karma and restlessness is the saint of all of us.

Waheguru ji   जरूर पड़े और कमेंट भी करें

http://golgpppa.blogspot.in/2018/03/must-read-and-comment.html




This is the Best Post to date आज तक का सर्वश्रेष्ठ पोस्ट है।

आज तक का सर्वश्रेष्ठ पोस्ट है।


ईश्वर ने सृष्टि की रचना करते समय तीन विशेष रच ना की...

1. अनाज में कीड़े पैदा कर दिए, वरना लोग इसका सोने और चाँदी की  तरह संग्रह करते।

2. मृत्यु के बाद देह (शरीर) में दुर्गन्ध उत्पन्न कर दी, वरना कोई अपने प्यारों को कभी भी  जलाता या दफ़न नहीं करता।

3. जीवन में किसी भी प्रकार के संकट या अनहोनी के साथ धैर्य और साहस दिया, वरना जीवन में निराशा और अंधकार ही रह जाता, कभी भी आशा, प्रसन्नता या जीने की इच्छा नहीं होती।

जीना सरल है...
प्यार करना सरल है..
हारना और जीतना भी सरल है...
तो फिर कठिन क्या है?
Read 
http://golgpppa.blogspot.com/2018/03/this-is-best-post-to-date.html

सरल होना बहुत कठिन है😊












This is the Best Post to date.


When God created the creation, he did not create three special ...

1. Produce insects in the grain, otherwise people would collect it like gold and silver.

2. After death, the deodorant is created in the body (or body), otherwise no one will burn or cut their loved ones any time.

3. Patience and courage with any kind of crisis or unhappiness in life; otherwise, life would be disappointment and darkness; there is no hope, joy or desire to live.

Live is simple ...
Love is simple ..
Losing and winning is also easy ...
So what's so hard?


It's hard to be simple

Icecream

◆ बटरस्कॉच आइसक्रीम ◆

टीचर ने सीटी बजाई और स्कूल के मैदान पर 50 छोटे छोटे बालक-बालिकाएँ दौड़ पड़े।
सबका एक लक्ष्य। मैदान के छोर पर पहुँचकर पुनः वापस लौट आना। 

प्रथम तीन को पुरस्कार। इन तीन में से कम से कम एक स्थान प्राप्त करने की सारी भागदौड़।

सभी बच्चों के मम्मी-पापा भी उपस्थित थे तो, उत्साह जरा ज्यादा ही था।

मैदान के छोर पर पहुँचकर बच्चे जब वापसी के लिए दौड़े तो पालकों में " और तेज...और तेज... " का तेज स्वर उठा। प्रथम तीन बच्चों ने आनंद से अपने अपने माता पिता की ओर हाथ लहराए।

चौथे और पाँचवे अधिक परेशान थे, कुछ के तो माता पिता भी नाराज दिख रहे थे।

उनके भी बाद वाले बच्चे, ईनाम तो मिलना नहीं सोचकर, दौड़ना छोड़कर चलने भी लग गए थे।

शीघ्र ही दौड़ खत्म हुई और 5 नंबर पर आई वो छोटी सी बच्ची नाराज चेहरा लिए अपने पापा की ओर दौड़ गयी।

 पापा ने आगे बढ़कर अपनी बेटी को गोद में उठा लिया और बोले : " वेल डन बच्चा, वेल डन....चलो चलकर कहीं, आइसक्रीम खाते हैं। कौनसी आइसक्रीम खाएगी हमारी बिटिया रानी ? "

" लेकिन पापा, मेरा नंबर कहाँ आया ? " बच्ची ने आश्चर्य से पूछा।

" आया है बेटा, पहला नंबर आया है तुम्हारा। "

" ऐंसे कैसे पापा, मेरा तो 5 वाँ नंबर आया ना ? " बच्ची बोली।

" अरे बेटा, तुम्हारे पीछे कितने बच्चे थे ? "

थोड़ा जोड़ घटाकर वो बोली : " 45 बच्चे। "

" इसका मतलब उन 45 बच्चों से आगे तुम पहली थीं, इसीलिए तुम्हें आइसक्रीम का ईनाम। "

" और मेरे आगे आए 4 बच्चे ? " परेशान सी बच्ची बोली।

" इस बार उनसे हमारा कॉम्पिटीशन नहीं था। "

" क्यों ? "

" क्योंकि उन्होंने अधिक तैयारी की हुई थी। अब हम भी फिर से बढ़िया प्रेक्टिस करेंगे। अगली बार तुम 48 में फर्स्ट आओगी और फिर उसके बाद 50 में प्रथम रहोगी। "

" ऐंसा हो सकता है पापा ? "

" हाँ बेटा, ऐंसा ही होता है। " 

" तब तो अगली बार ही खूब तेज दौड़कर पहली आ जाउँगी। " बच्ची बड़े उत्साह से बोली। 

" इतनी जल्दी क्यों बेटा ? पैरों को मजबूत होने दो, और हमें खुद से आगे निकलना है, दूसरों से नहीं। "

पापा का कहा बेटी को बहुत अच्छे से तो समझा नहीं लेकिन फिर भी वो बड़े विश्वास से बोली : " जैसा आप कहें, पापा। "

" अरे अब आइसक्रीम तो बताओ ? " पापा मुस्कुराते हुए बोले।

तब एक नए आनंद से भरी, 45 बच्चों में प्रथम के आत्मविश्वास से जगमग, पापा की गोद में शान से हँसती बेटी बोली : " मुझे बटरस्कॉच आइसक्रीम चाहिए। "

🍧🍨🍦🍧🍨🍦🍧🍨🍦
पालकों द्वारा बच्चों को किस प्रकार प्रोत्साहित करने की मानसिकता रखनी चाहिए, वो बतलाती 👌🏻 पोस्ट।।
https://goo.gl/hxPmPR

http://golgpppa.blogspot.ca/2018/03/icecream.html























GuruJi

( बिलकुल नया, हँसते रह जाएंगे ) 
  😀😁😀😁😀😁😀

गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे ।

रास्ते में एक नदी पड़ती थी ।

नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा ,

एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का  हिसाब  निकालने लगे ।

अचानक…..,

हाथ से पेन फिसला और डुबुक ….

पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान ।

आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था ।

कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते ,

पानी में उतरने का प्रयास करते ,

फिर डर कर कदम खींच लेते ।

एकदम नया पेन था ,

छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था ।

अचानक…….

पानी में एक तेज लहर उठी ,

और साक्षात् वरुण देव सामने थे ।

गुरूजी हक्के -बक्के ।

कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई ।

वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं ।

प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ?

गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह
एक पेन खरीदा था ।

पूरे पांच रूपये का ।

देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है ।

यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया 

प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल
लाता हूँ ।”

प्रभु ने डुबकी लगाई ,

और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर आ गए ।

बोले – ये है आपका पेन ?

गुरूजी बोले – ना प्रभु । मुझ गरीब को कहाँ ये
चांदी का पेन नसीब । ये मेरा नाहीं ।

प्रभु बोले – कोई नहीं , एक डुबकी और लगाता हूँ

डुबुक …..

इस बार प्रभु सोने का रत्न जडित पेन लेकर आये।

बोले – “लीजिये गुरूजी , अपना पेन ।”

गुरूजी बोले – ” क्यूँ मजाक करते हो प्रभु ।

इतना कीमती पेन और वो भी मेरा । मैं टीचर हूँ ।

थके हारे प्रभु ने कहा , ” चिंता ना करो गुरुदेव ।

अबके फाइनल डुबकी होगी ।

डुबुक …. 

बड़ी देर बाद प्रभु उपर आये ।

हाथ में गुरूजी का जेल पेन लेकर ।

बोले – ये है क्या ?

गुरूजी चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।

प्रभु ने कहा – आपकी इमानदारी ने मेरा दिल जीत
लिया गुरूजी ।

आप सच्चे गुरु हैं । आप ये तीनों पेन ले लो ।

गुरूजी ख़ुशी – ख़ुशी घर को चले ।

.
.
कहानी अभी बाकी है दोस्तों —

गुरूजी ने घर आते ही सारी कहानी पत्नी जी को सुनाई 

चमचमाते हुवे कीमती पेन भी दिखाए ।

पत्नी को विश्वास ना हुवा ,

बोली तुम किसी का चुरा कर लाये हो ।

बहुत समझाने पर भी जब पत्नी जी ना मानी 

तो गुरूजी उसे घटना स्थल की ओर ले चले ।

दोनों उस पत्थर पर बैठे , 

गुरूजी ने बताना शुरू किया कि कैसे – कैसे सब हुवा 

पत्नी एक एक कड़ी को किसी शातिर पुलिसिये की तरह जोड़ रही थी कि 

अचानक …….

डुबुक !!! 

पत्नी का पैर फिसला , और वो गहरे पानी में समा गई ।

गुरूजी की आँखों के आगे तारे नाचने लगे ।

ये क्या हुवा !

जोर -जोर से रोने लगे ।

तभी अचानक ……

पानी में ऊँची ऊँची लहरें उठने लगी ।

नदी का सीना चीरकर साक्षात वरुण देव प्रकट
हुवे ।

बोले – क्या हुआ गुरूजी ? अब क्यूँ रो रहे हो ?

गुरूजी ने रोते हु story प्रभु को सुनाई ।

प्रभु बोले – रोओ मत। धीरज रखो ।

मैं अभी आपकी पत्नी को निकाल कर लाता हूँ।

प्रभु ने डुबकी लगाईं ,

और …..
..
थोड़ी देर में

वो  कैटरीना को लेकर प्रकट हुवे । 

बोले –गुरूजी ।

क्या यही आपकी पत्नी जी है ??

गुरूजी ने एक क्षण सोचा ,

और चिल्लाए –

हाँ यही है , यही है ।

अब चिल्लाने की बारी प्रभु की थी ।

बोले – दुष्ट मास्टर ।

ठहर तुझे श्राप देता हूँ ।

गुरूजी बोले – माफ़ करें प्रभु ।

मेरी कोई गलती नहीं ।

अगर मैं इसे मना करता तो आप

अगली डुबकी में प्रियंका चोपड़ा को लाते ।

मैं फिर भी मना करता तो आप मेरी पत्नी को लाते ।

फिर आप खुश होकर तीनों मुझे दे देते ।

अब आप ही बताओ भगवन , 

इस महंगाई के जमाने में 
7th pay Commission ने भी रुला दिया

अब मैं तीन – तीन बीबीयाँ कैसे पालता ।इन तीन तीन गृहलक्ष्मियों का बोझ प्रभू मुझसे नहीं उठेगा।
क्षमा करे प्रभू।
इसलिये सोचा , 


कैटरीना से ही काम चला लूँगा ।

प्रभु बेहोश होकर पानी में गिर गए थे ।





Shopping and Golgapppa

ज्यादातर महिलायें तीन बार में शोपिंग करती हैं 😁

पहली बार देखने जायेंगी 😁

दूसरी बार लेने जायेंगी 😁

और तीसरी बार बदलने जायेंगी 😁😆😆

लेकिन एक बात है ..



गोलगप्पे तीनों बार 

खायेंगी  😆😆😆😆



🙆उपवास की नई स्टाईल 😉
बगैर इनके एक दिन रहकर
देखो
सोमवार     - मोबाईल बंद📵
मंगलवार    - फेसबुक बंद📗
बुधवार      - बिजली बंद💡
गुरूवार      - इंटरनेट बंद 💻
शुक्रवार      - कार/ मोटरसाईकल बंद 🚗/🚲
शनीवार      - वाटसप बंद 📲
रवीवार      -  टी.वी. बंद 📺
🔔🔔ये उपवास करके देखो   '_`
💥भगवान धरती पर आकर कहेंगें.. !!
   " बस कर पगले अब रुलायेगा क्या 😢😁 "
           बिलकुल नया है 

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